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Tuesday, August 26, 2014

हिन्दुओ को बांटने की साज़िश



आजकल हिन्दुओ को बांटने की बड़ी खतरनाक साज़िश चल रही हैं.  मामला हैं कुछ तथाकथित साधू और संतो  के साईं बाबा के प्रति ज़हर उगलते बोल. इसमें उनका पूरा सहयोग इलेक्ट्रॉनिक मिडिया दे रहा है. आये दिन इलेक्ट्रॉनिक मिडिया इसी मुद्दे को उठा रहा हैं.  ऐसी बात नहीं हैं की ये इसी समय पर हो रहा हैं. हज़ारो साल पहले भगवान् शिव का भी इसी तरह से ब्रह्मा जी के पुत्र प्रजापति दक्ष ने विरोध किया था. भगवान् शिव का सामाजिक बहिस्कार करने की कोशिस की थी. उनकी पूजा पाठ भी बंद करवाने की कोशिस की थी. पर दक्ष का हश्र किया हुआ ये सब जानते हैं. भृगु ऋषि ने भगवान् विष्णु का अपमान किया था. उनके सीने में लात मारी थी. फिर भी भगवान् विष्णु ने उन्हें माफ़ कर दिया था. यही सब साई बाबा के साथ करने की कोशिश कि जा रही हैं. कभी ये कह रहे हैं की वो तो मुसलमान थे. कभी ये कहते हैं की उनकी मूर्ति मंदिरों से हटायेगे. कभी ये बोलते हैं की साईं को मानने वाले अपना अलग धर्म बनाले. ये सरासर हिन्दुओ को बांटने की कोशिस हो रही हैं. ऐसे ही लोगो की वजह से करोडो हिन्दुओ ने अपना धर्मपरिवर्तन पिछले हजार सालो में किया. ये लोग साईं बाबा को क्या जानेगे. वे तो किसी धर्म कर्म , जात  पात से कोसो दूर थे. अमीर गरीब सब उनके लिए बराबर थे. वे कोई छुआछूत नहीं मानते थे. अरे इन शंकराचार्य के आश्रम में  में कोई गरीब घुस कर तो देखे. ये शंकराचार्य आम, गरीब, दबे कुचले हिदू समुदाय के लिए क्या कर रहे हैं ज़रा कोई बताये तो. ये मठो, पांच सितारा , वातानुकूलित आश्रमों में बैठे हुए मोट मोटे पेट वाले मठाधीस, हिन्दू धर्म, गरीब, दबे कुचले आदिवासियों के लिए क्या कर रहे हैं. मैं ये पूछना चाहता हूँ इनसे की आज तक इन्होने हिन्दू धर्म की भलाई  के लिए क्या किया. ये लोग उस समय कंहा थे जब  करोडो हिदू धर्म परिवर्तन कर रहे थे. पहले ये लोग अपने गिरेबान में अन्दर झांके. उसके बाद ही किसी को कुछ कहे.  धन्यवाद, ॐ साईं राम, वन्देमातरम...

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