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Sunday, January 13, 2013

नेता मण्डी


झाडखण्ड सरकार का गिरना तो तभी से तय था जिस दिन वह बनी थी। अब शिबूसौरेन काँग्रेस के समर्थन से वहाँ विधायक इक्ठे कर के सरकार बनायें गे तो यह भी कोई आश्चर्य की बात नहीं। 
हमारे देश में नेताओं का ऐक वर्ग ऐसा है जिन के माथे पर on sale का स्टिकर सदा लगा रहता है । जिस पार्टी को सरकार बनाने के लिये इन की जरूरत पडे वह इन्हें मोल-भाव कर के खरीद सकता है।  यह लोग अपनी पार्टी के Supremo कहलाते हैं। उन के सामने किसी अन्य वर्कर की कोई औकात नहीं होती। लालू यादव, रामविलास पासवान, अजीत सिहँ और शिबूसौरेन आदि इस वर्ग के जाने पहचाने नाम हैं।
दूसरा वर्ग उन लोगों का है जो Toggle switch की तरह जोडियों में काम करते हैं। अगर ऐक वर्ग पक्ष में होगा तो दूसरा विपक्ष में। मायावती - मुलायम, जयललिता – करुणानिधि, ऊधव ठाकरे – राज ठाकरे, फारुख अबदुल्ला - मुफ्ती मुहम्मद सैय्यद आदि इसी ‘प्रतिक्रियावादी’ श्रेणी के हैं।
तीसरा वर्ग उन Hard Bargainer स्वार्थियों का है जो काफी मोल भाव कर के बिकते हैं, मगर उन के समर्थन वचनों के बाद भी उन पर विशवास नहीं किया जा सकत। चन्द्रबाबू नायडू, ओम प्रकाश चौटाला, ममता बनर्जी, शरदपवार और नवीन पटनायक आदि इन में प्रमुख हैं। उन का निजी स्वार्थ ही सर्वोपरि रहता है।
इन लोगों ने भारतीय लोकतन्त्र को ऐक मजाक बना कर रख दिया है और यही नेता देश की प्रगति के मार्ग में सब से बडी रुकावट हैं। इस ‘नेतावी दीमक’ को को अगले चुनाव में सत्ता से बाहर करना ऐक महान देश सेवा होगी।
साभार : चाँद शर्मा, http://hindumahasagar.wordpress

4 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    मकरसंक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  2. प्रभावशाली ,
    जारी रहें।

    शुभकामना !!!

    आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
    आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।

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  3. प्रभावशाली ,
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